Aarzoo Shayari in Hindi: This page contains 2 line aarzoo shayari in Hindi. Aarzoo means “Wish” or “Kamana” in Hindi. You can read many new Aarzoo shayari here and can also use them for your personal use.
Aarzoo Shayari in Hindi
ना खुशी की तलाश है ना गम-ए-निजात की आरज़ू,
मै ख़ुद से ही नाराज हूँ तेरी नाराजगी के बाद।
काश की मुझे मोहोब्बत ना होती
काश की मुझे तेरी आरज़ू ना होती
जी लेते यू ही ज़िंदगी को हम तेरे बिन
काश की ये तड़प हमे ना होती.
इक वक़्त था कि दिल को सुकूँ की तलाश थी,
और अब ये आरज़ू है कि दर्द-ए-निहाँ रहे..!
चेहरे पे मेरे ज़ुल्फ़ को फैलाओ किसी दिन
क्या रोज़ गरजते हो बरस जाओ किसी दिन
ख़ुशबू की तरह गुज़रो मेरी दिल की गली से
फूलों की तरह मुझ पे बिखर जाओ किसी दिन
Tere Seene Se Lagkar Teri Aarzoo Ban Jaaun,
Teri Saanso Se Milkar Teri Khushboo Ban Jaaun.
तेरे सीने से लगकर तेरी आरज़ू बन जाऊं,
तेरी साँसों से मिलकर तेरी खुशबू बन जाऊं।
2 line Aarzoo shayari in Hindi
जीने के आरजू में मरे जा रहे है लोग,
मरने के आरजू में जिया जा रहा हु मै..
ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो….
आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें…!
न किसी के दिल की हूँ आरज़ू
न किसी नज़र की हूँ जुस्तजू
मैं वो फूल हूँ जो उदास हो
न बहार आए तो क्या करूँ….!
कभी कभी सोचता हूँ आखिर यहाँ कौन जीत गया …
मेरी आरज़ू उसकी ज़िद या फिर मोहब्बत…!
हर बार उसी से गुफ़्तगू सौ बार उसी की आरज़ू,
वो पास नहीं होता तो भी रहता है मेरे रूबरू..
Har Baar Usi Ki Guftgun Sau Baar Usi Ki Aarzoo,
Wo Paas Nahi Hota To Bhi Hai Mere Rubru..!
Badi Aarzoo Thi Mohabbat Ko Benaqab Dekhne Ki,
Dupatta Jo Sarka To Zulfein Deewar Ban Gayi.
बड़ी आरज़ू थी मोहब्बत को बेनकाब देखने की,
दुपट्टा जो सरका तो जुल्फें दीवार बन गयी।
दिल में हर किसी का अरमान नहीं होता
हर कोई दिल का मेहमान नहीं होता,
जिन्दगी बेहाल हैं जरूरतों से उलझ कर,
बेइंतहा आरजूऐं मुकम्मल होनो को मचलती हैं।
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की……!!
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं.
कौन पूछता है पिंजरे में बंद पंछियों को….
याद वही आते है जो उड़ जाते है…!!
आज तक दिल की आरज़ू है वही
फूल मुरझा गया है बू है वही..
Mujhe Yeh Darr Hai Teri Aarzoo Na Mit Jaye,
Bahut Dinon Se Tabiyat Meri Udas Nahin.
मुझे यह डर है तेरी आरज़ू न मिट जाये,
बहुत दिनों से तबियत मेरी उदास नहीं।
Love aarzoo Shayari
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना..
जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मेक्या मांगना
Har Baar Usi Ki Guftgun…
Sau Baar Usi Ki Aarzoo, Wo Paas Nahi
Hota To Bhi Hai Mere Rubru..
ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू ।
हम किससे करें बात, कोई बोलता ही नही ।।
आरज़ू हसरत और उम्मीद शिकायत आँसू
इक तिरा ज़िक्र था और बीच में क्या क्या निकला
सितारों की महफ़िल ने करके इशारा,
कहा अब तो सारा जहाँ है तुम्हारा,
मुहब्बत जवाँ हो, खुला आसमाँ हो,
करे कोई दिल आरजू और क्या…!
कौन पूछता है पिंजरे में बंद पंछियों को,
याद वही आते है जो उड़ जाते है..
सर से लगा के पाँव तलक दिल हुआ हूँ मैं
याँ तक तो फ़न-ए-इश्क़ में कामिल हुआ हूँ मैं
इम्तहां ना लो मेरी चाहत का,
मेरी आरजू बस इतनी सी हैं,
जो मेरा हो जाएँ,
फिर वो किसी का ना हो।
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना,
जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मेक्या मांगना..
Na Jee Bhar Ke Dekha Na Kuchh Baat Ki,
Badi Aarzoo Thi Mulakaat Ki.
Kayi Saal Se Kuchh Khabar Hi Nahi,
Kahan Din Gujara Kahaan Raat Ki
तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी,
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी,
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने,
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी..
sad aarzoo shayari
ग़म-ए-ज़माना ने मजबूर कर दिया वर्ना
ये आरज़ू थी कि बस तेरी आरज़ू करते
आरज़ू हसरत और उम्मीद शिकायत आँसू,
इक तिरा ज़िक्र था और बीच में क्या क्या निकला।
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम;
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम;
जिसको जितना याद करते
हैं; उसे भी उतना याद आयें हम..!
एक आरजू ऐसी भी,
जो जानती हूं, ना होगी पूरी रो कभी।
ये हवा, ये रात ये चाँदनी
तेरी एक अदा पे निसार हैं,
मुझे क्यों ना हो तेरी आरजू
तेरी जुस्तजू में बहार है..!
हम को तर्क-ए-आरज़ू का आज ये सिल मिला
आरज़ू का नाम ले कर आरज़ू शरमा गई।
हम को तर्क-ए-आरज़ू का आज ये सिल मिला
आरज़ू का नाम ले कर आरज़ू शरमा गई।
Sikayaat aarzoo shayari
अब तुझसे शिकायत करना, मेरे हक मे नहीं,
क्योंकि तू आरजू मेरी थी,पर अमानत शायद किसी और की !!
वो वक़्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरज़ू थी,
अब तू खुदा भी बन जाए तो मै सजदा न करूँ..
ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू।
हम किससे करें बात, कोई बोलता ही नही।।
Bewaafa aarzo shayari
आरजू थी की तेरी बाँहो मे, दम निकले,
लेकिन बेवफा तुम नही,बदनसीब हम निकले.
तेरे इश्क का कितना हसीन एहसास है,
लगता है जैसे तु हर पल मेरे पास है,
मोहब्बत तेरी दिवानगी बन चुकी है मेरी,
और अब जिन्दगी की आरजू बस तुम्हारे साथ है ।
एक पत्थर की आरजू करके,
खुदको ज़ख्मी बना लिया मैंने..!
जरूरी नहीं ये बिल्कुल कि तू मेरी हर बात को समझे,
आरजू बस इतनी है कि तू मुझे कुछ तो समझे।
उलझी सी ज़िन्दगी को सवारने की आरजू में बैठे हैं
कोई अपना दिख जाए शायद उसे पुकारने को बैठे है
है आरजू की एक रात तुम आओ ख्वाबोँ में
बस दुआ है उस रात की कभी सुबह न हो
Hai aarzoo ki ek raat tum aao khwaabon mein
Bas dua hai us raat ki kabhi subah na ho
आरज़ू‘ तेरी बरक़रार रहे,
दिल का क्या है रहे, रहे न रहे..
साँस रूक जाये भला ही तेरा इन्तज़ार करते-करते ……..
तेरे दीदार की आरज़ू हरगिज कम ना होगी ……..
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
सितारों की महफ़िल ने करके इशारा ,
कहा अब तो सारा जहाँ है तुम्हारा ,
मुहब्बत जवाँ हो, खुला आसमाँ हो ,
करे कोई दिल आरजू और क्या…!
Tujhe Paane Ki Aarzoo Me Tujhe Ganwata Raha Hun,
Rushwa Tere Pyar Me Hota Raha Hun,
Mujhse Na Poochh Tu Mere Dil Ka Haal,
Teri Judai Me Roj Rota Raha Hun.
तुझे पाने की आरज़ू में तुझे गंवाता रहा हूँ,
रुस्वा तेरे प्यार में होता रहा हूँ,
मुझसे ना पूछ तू मेरे दिल का हाल,
तेरी जुदाई में रोज़ रोता रहा हूँ।
Aane Laga Hayaat Ko Anjam Ka Khayal,
Jab Aarjuyein Failkar Ik Daam Ban Gayin.
आने लगा हयात को अंजाम का ख्याल,
जब आरजुएं फैलकर इक दाम बन गयीं।
उमरे दराज लाये थे, मांग के चार दिन।
दो आरजू में कट गए, दो इन्तेजार में।।
अब तुझसे शिकायत करना, मेरे हक मे नहीं,
क्योंकि तू आरजू मेरी थी,पर अमानत शायद किसी और की।।
New Aarzoo Shayari in Hindi
ख़राब-ए-दहर न मैं ख़ुद हुआ न तू ने किया,
जो कुछ किया तिरे मिलने की आरज़ू ने किया..
खुशी की तलाश है
ना गम-ए-निजात की आरज़ू,
मै ख़ुद से ही नाराज हूँ
तेरी नाराजगी के बाद..!
Zamane Bhar Ki Nigahon Mein
Jo Khuda Sa Lage,
Wo Ajnabi Hai Magar
Mujhko Aashna Sa Lage,
Na Jaane Kab Meri
Duniya Me Muskarayega,
Wo Shakhs Jo Khwabon
Mein Bhi Khafa Sa Lage.
ज़माने भर की निगाहों में
जो खुदा सा लगे,
वो अजनवी है मगर
मुझको आशना सा लगे,
न जाने कब मेरी
दुनिया में मुस्करायेगा,
वो शख्स जो खाबों
में भी अपना सा लगे।
आपसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी
देखा आपको तो आपके तलबगार हो गये
Aapse mile na tha to koi aarzoo na thi
Dekha aapko to aapke talabgaar ho gaye
Ye Aarzoo Thi Ke Aisa Bhi Kuchh Hua Hota,
Meri Kami Ne Tujhe Bhi Rula Diya Hota,
Main Laut Aata Tere Paas Ek Lamhe Mein,
Tere Labon Ne Mera Naam To Liya Hota.
ये आरज़ू थी के ऐसा भी कुछ हुआ होता,
मेरी कमी ने तुझे भी रुला दिया होता,
मैं लौट आता तेरे पास एक लम्हे में,
तेरे लबों ने मेरा नाम तो लिया होता।
आरजू बस इतनी सी है,
जो चाहत थी बो बस एक,
बार फिर से मिले यही बस,
एक आरजू दिल में बसी है..
ऐसा नहीं कि दिल में कोई आरजू नहीं हैं,
सौ आरजू जमा हैं मगर उनमें तू नहीं हैं।
काश की मुझे मुहब्बत ना होती
काश की मुझे तेरी आरज़ू ना होती
जी लेते यू ही ज़िंदगी को हम तेरे बिन
काश की ये तड़प हमे ना होती
आरज़ू सी दिल में अक्सर छुपाये फिरता हूँ
प्यार करता हूँ तुझसे पर कहने से डरता हूँ,
कही नाराज़ न हो जाओ मेरी गुस्ताखी से तुम,
इसलिए खामोश रहके भी तेरी धडकनों को सुना करता हूँ
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